भारतीयता के मूल में यहां के जनमानस के अन्तस्थ में स्थित उदात्त मूल्य, अनादिकाल से चली आ रही विचारशीलता परम्पराओं, रीति-रिवाजों के प्रति कृतज्ञता यहां के जन-जीवन को अलौकिक बनाती है ।
हजारों वर्षों से संघर्ष के दौर में अनेकों आक्रांताओं ने यहाँ की संभ्यताओं को नष्ट करने का प्रयास किया ।
मुगल आक्रांताओं ने इस भू भाग पर निवास करने वाले लोगों पर अनेक प्रकार से क्रूरता की। जिसके परिणामस्वरूप कालांतर में ऐसी अनेक जातियां रही जिन्हें तलवार की नोंक पर जबरन धर्मपरिवर्तन कराया गया।
जो आज भी अपने अस्तित्व को बचाने के लिए अपनी परम्पराओं , रीति-रिवाजों का अनुपालन कर रहे हैं ।
इसी प्रकार मूल हिन्दू धर्म से परिवर्तित मुस्लिम त्यागी इस्लाम का पालन करने वाले व्यापक त्यागी समुदाय का हिस्सा हैं। हालाँकि अधिकांश त्यागी हिंदू धर्म का पालन करते हैं, लेकिन मुस्लिम समुदाय मे यह जाति व्यापक रूप मे व्याप्त हैं।
संक्षेप में कहें तो मुस्लिम त्यागी, अपने रीति रिवाजों में सदा से ही अपने क्षेत्र में प्रचलित परंपराओं के अनुसार पुर्वजों से चले आ रहे रीति-रिवाजों का निर्वहन करते आए हैं